क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप लोगों
से भरे किसी रूम में एंटर हुए हो और आपको
यह फील हुआ हो कि आप किसी ना किसी तरह से
उन लोगों में फिट नहीं हो रहे आप देखते हो
कि वो एक दूसरे के साथ बातें कर रहे होते
हैं हंस रहे होते हैं और एक दूसरे के साथ
कनेक्ट कर पा रहे होते हैं और आप सोच रहे
होते हो काश ये लोग मुझे भी वैसे ही पसंद
करते हैं रियलिटी यह है कि ये कोई छुपी
हुई स्किल नहीं है जो सिर्फ कुछ लोगों के
लिए हो हर कोई इवन के आप भी ये सीख सकते
हो कि लोगों को कैसे मजबूर किया जाए कि वो
आपको लाइक करें चाहे आपका नेक्स्ट जॉब
इंटरव्यू हो एक नेटवर्किंग इवेंट हो या
आपकी रोजमर्रा की जिंदगी कुछ सिंपल
साइकोलॉजिकल ट्रिक्स यूज करके आप लोगों के
अपने बारे में नजरिए को मुकम्मल तौर पर
बदल सकते हो और सबसे इंपोर्टेंट बात ये है
कि ये कोई मैनिपुलेटिव या फेक स्ट्रेटेजी
नहीं है ये असली रिसर्च बैक तरीके हैं
जिन्हें हम अपनी लाइफ में भी यूज कर चुके
हैं और इस बात की गारंटी हम आपको देते हैं
कि आप भी इन ट्रिक्स का यूज करके ज्यादा
लाइकेन रिस्पेक्टफुल और वैल्युएबल पर्सन
बन सकते हो इन सेवन साइकोलॉजिकल ट्रिक्स
को यूज करने के बाद लोग इंटेंटली आपको
लाइक करने लगेंगे टिप नंबर वन मिरर पीपल्स
बिहे यर आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि
कुछ लोगों से मिलते ही आप इंस्टेंट उनके
साथ कंफर्टेबल फील करने लगते हैं ऐसा लगता
है कि आप उन्हें हमेशा से जानते हैं
हालांकि आप उनसे पहली बार ही मिल रहे होते
हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वो आपके
एटीट्यूड को अनकॉन्शियसली मिरर कर रहे
होते हैं मिररिंग वन ऑफ द मोस्ट पावरफुल
साइकोलॉजिकल टूल है जो आप लोगों के साथ
फॉरेन कनेक्शन बनाने के लिए यूज कर सकते
हो लेकिन ये किसी को रबोट की तरह कॉपी
करने वाली बात नहीं है बल्कि ये आपका उनकी
बॉडी लैंग्वेज आवाज का लहजा और एनर्जी को
सबटली रिफ्लेक्ट करना होता है अगर इसे ठीक
तरीके से किया जाए तो यह दो लोगों के
दरमियान एक फैमिलियरिटी का एहसास पैदा
करता है और आप दूसरे शख्स के लिए
कंफर्टेबल महसूस करते हो क्योंकि हम
नेचुरली उन लोगों की तरफ खींचे चले आते
हैं जो हमारे जैसे होते हैं सोचिए जब कोई
आपके जैसे बात करता है आपके जैसे
एक्टिविटीज करता है या आपके पेस से बात
करता है तो आप खुद
बखुदा बिक जब आप किसी का बिहेवियर मिरर
करते हैं तो आप उन्हें पसंद आने के चांसेस
को 20 पर तक बढ़ा लेते हैं ये सेप्टल
लेकिन बहुत ही इफेक्ट तरीका है जो दूसरे
शख्स को यह एहसास दिलाता है कि आप उनकी
बात को समझ रहे हो लेकिन यरियन ये करते
कैसे हैं शुरू में दूसरे शख्स की पोस्चर
पर गौर करो क्या वो सीधा बैठा है या पीछे
झुका हुआ है उनका बात करने का लहजा कैसा
है क्या वो बात करते वक्त हाथों का ज्यादा
इस्तेमाल कर रहा है या कम अब बगैर ज्यादा
ऑब् वियस किए उनकी बॉडी लैंग्वेज और आवाज
का लहजा मिरर करो अगर वो हल्की और धीमी
आवाज में बात कर रहे हैं तो आप भी वैसे ही
बात करो अगर वो हाथ के ज्यादा इशारे कर
रहे हैं तो आप भी उसी एनर्जी को फॉलो करें
मगर याद रहे इसे ओवर डू मत करें मकसद यह
है कि दूसरा पर्सन आपके साथ कंफर्टेबल फील
करें ना कि आप उन्हें इमिटेटर इस हद तक कि
वो यह फील करने लगे कि आप उनको कॉपी कर
रहे हैं जब आप किसी का बिहेवियर मिरर करते
हैं तो आप सबकॉन्शियसली सामने वाले को यह
मैसेज दे रहे होते हैं कि मैं तुम्हारे
जैसा हूं और मैं तुम्हें समझता हूं और ये
सिंपल सी बात आपको फौरन एक गहरा कनेक्शन
और इंस्टेंट पसंद आने का चांस दे सकती है
टिप नंबर टू कंप्लीमेंट जेनुइनली एंड
स्पेसिफिकली अगर आप सामने वाले पर एक
लास्टिंग इंप्रेशन बनाना चाहते हो तो
उन्हें एक कंप्लीमेंट दे दो क्योंकि ये
बेसिक ह्यूमन नेचर है कि जो भी भी इंसान
किसी की तारीफ करता है तो सामने वाला खुद
बखुदा और कंफर्टेबल फील करने लग जाता है
लेकिन बात यह है कि अगर आपको जेनुइन
कंप्लीमेंट देना नहीं आता तो शायद आप
दूसरे पर्सन पर वैसा इंप्रेशन नहीं डाल
पाओगे जैसा आप चाहते हो जैसे कि तुम बहुत
अच्छे हो तुम बहुत समझदार हो ऐसे
कंप्लीमेंट से सामने वाले पर कोई असर नहीं
पड़ेगा बल्कि आपको ऐसा कंप्लीमेंट देना
होगा जो सीधा सामने वाले के दिल पर जाकर
लगे जैसे कि तुम कितने अच्छे हो कहने की
बजाय ये कहो मुझे वाकई कदर है कि तुम
कितने थॉटफुल हो तुम हमेशा सुन सुनते हो
और समझने की कोशिश करते हो इससे पहले के
जवाब तो यूनिवर्सिटी ऑफ कैसस की एक स्टडी
के मुताबिक जो लोग स्पेसिफिक कंप्लीमेंट
देते हैं वो सामने वाले शख्स के बारे में
ज्यादा पॉजिटिव इंप्रेशन बनाते हैं यह
फौरन एक बॉन्ड बनाता है और सामने वाला
उनको ज्यादा लाइक करने लगता है एक ठीक
वक्त पर दी गई थॉटफुल तारीफ एक कैजुअल
मुलाकात को एक मीनिंगफुल कनेक्शन में
तब्दील कर सकती है आखिर में हर कोई चाहता
है कि उन्हें वाकई अप्रिशिएट किया जाए जो
वो असल में है टिप नंबर थ्री यूज देयर नेम
इन कन्वर्सेशन क्या आपने कभी नोट किया है
कि जब भी कोई आपका नाम करता है तो आपका
मूड थोड़ा सा लिफ्ट हो जाता है यह कोई
इत्तफाक नहीं है अपना नाम सुनना हमारे लिए
एक म्यूजिक की तरह होता है ये एक बहुत ही
सिंपल लेकिन बहुत ही पावरफुल साइकोलॉजिकल
ट्रिक है जो इंटेंटली आपको लोगों के दिल
में जगह दिला सकती है क्योंकि किसी का नाम
लेना सिर्फ उन्हें बुलाना नहीं होता बल्कि
उन्हें पर्सनल लेवल पर एक्नॉलेज करना होता
है इससे एक एहसास पैदा होता है कि वो
इंसान इंपॉर्टेंट है और इससे सामने वाला
वैल्यूड फील करता है रिसर्च ने ये प्रूफ
किया है कि जब हम अपना नाम सुनते हैं तो
हमारे दिमाग के वो हिस्से एक्टिवेट हो
जाते हैं जो आइडेंटिटी और सेल्फ वर्थ से
ताल्लुक लिखते हैं इस ट्रिक को सही तरीके
से यूज करने का तरीका यह है जब आप किसी से
मिलें तो उनका नाम याद रखने की कोशिश करें
फिर कन्वर्सेशन के दौरान उनका नाम दो या
तीन दफा यूज़ करें लेकिन इतना भी नहीं कि
फोर्सड लगने लगे सिर्फ इतना कि वो पर्सनल
कनेक्शन बन सके नेम्स अटेंशन के लिए एक
मैग्नेट की तरह काम करते हैं आप देखेंगे
कि जब आप किसी का नाम लेते हैं तो व आपकी
बात को ज्यादा ध्यान से सुनते हैं और आपसे
ज्यादा कनेक्टेड महसूस करते हैं फॉर
एग्जांपल यह कहने की बजाय ये अच्छा मशवरा
है आप ये कहें यह बहुत ही अच्छा मशवरा
दिया है तुमने अहमद ये छोटी सी बात बहुत
बड़ा फर्क लाती है टिप नंबर फोर आस्क फॉर
अ स्मॉल फेवर ये एक बहुत इंटरेस्टिंग
साइकोलॉजिकल ट्रिक है अगर आप चाहते हैं कि
आपको कोई पसंद करें तो उनसे एक छोटी सी
फेवर मांगे शायद ये थोड़ा अजीब लगे मगर ये
कांसेप्ट बेन फ्रैंकलिन इफेक्ट कहलाता है
इस थ्योरी के मुताबिक जब कोई आपके लिए
छोटा सा फेवर करता है या आपकी हेल्प करता
है तो वो आपके लिए और ज्यादा पॉजिटिव फील
करता है बेंजामिन फ्रैंकलिन ने खुद ये
ट्रिक इस्तेमाल की थी अपने दुश्मनों को
दोस्त बनाने के लिए वो उनसे एक छोटी सी
फेवर मांगते जैसे कि एक किताब उधार लेना
जब लोग उनकी मदद करते तो वो फ्रैंकलिन को
अच्छे से जान पाते और उन्हें पसंद करने
लगते इस ट्रिक का राज यह है कि फेवर छोटी
हो और आसान ऐसी जो उन्हें मुश्किल ना लगे
जब लोग आपकी मदद करते हैं तो वो
अनकॉन्शियसली अपने आप से कहते हैं मुझे यह
शख्स पसंद है वरना मैं इसकी मदद क्यों
करता ये दोनों के लिए फायदेमंद होता है
आपको मदद मिलती है और वो आपके साथ ज्यादा
कनेक्टेड फील करते हैं टिप नंबर फाइव बी अ
ग्रेट लिस्नर लोगों को ऐसे लोग पसंद आते
हैं जो उन्हें समझते हैं और यह तभी होता
है जब आप अच्छे लिसन बन जाते हैं ये सिंपल
सी बात है जितना अच्छा आप सुनेंगे उतना ही
ज्यादा दूसरे दूसरे आपके साथ कंफर्टेबल
फील करेंगे साइट तो यह है कि हर शख्स अपनी
कहानी शेयर करना चाहता है लेकिन बहुत कम
लोग असल में सुनते हैं जब आप सिर्फ बोलने
की बजाय दूसरों की बात को ध्यान से सुनते
हो तो आप एक यूनिक बॉन्ड क्रिएट कर रहे
होते हो जो इंटेंटली ट्रस्ट और लाइकिंग
बिल्ड करता है लिसनिंग का मतलब ये नहीं कि
सिर्फ चुप रहना बल्कि एक्टिवली रिस्पॉन्ड
करना है नोडिंग आई कांटेक्ट और थॉटफुल
रिस्पांसस देना जब आप अच्छी तरह से सुनते
हैं लोग आपको सिर्फ अच्छा लिसन ही नहीं
बल्कि केयरिंग और अंडरस्टैंडिंग दोस्त
समझते हैं टिप नंबर सिक्स फाइंड कॉमन
ग्राउंड क्विकली जब आप किसी नए इंसान से
मिलते हैं पहला इंप्रेशन बहुत इंपॉर्टेंट
होता है और एक छोटा सा राज यह है कि अगर
आप जल्दी से जल्दी कॉमन ग्राउंड ढूंढ लें
तो दूसरा शख्स इंस्टेंट आपसे कनेक्टेड
महसूस करेगा हर शख्स को अपनी पसंद नापसंद
के बारे में बात करना पसंद है आप जितना
जल्दी उनके इंटरेस्ट को समझ लें और उसी के
आसपास कन्वर्सेशन बिल्ड करें उतना ही
दूसरा शख्स आपको अपना महसूस करेगा ये एक
साइकोलॉजिकल शॉर्टकट है आप दोनों के दिमाग
इस बात का सिग्नल भेजते हैं कि वी आर
अलाइक यानी कि हम एक जैसे हैं अब इसका
मतलब ये नहीं कि आपका सब कुछ सेम होना
चाहिए बस छोटी-छोटी चीजों को नोट करें
शायद आप दोनों एक ही सिटी से हो या एक ही
टीवी शो देखते हो कुछ भी जो आप दोनों को
कनेक्ट कर सके नंबर सेवन स्माइल ऑफ एन एंड
शो पॉजिटिव बॉडी लैंग्वेज आपने कभी नोटिस
किया है कि जब कोई आपको मुस्कुराता हुआ
मिलता है तो इंटेंटली आप भी रिलैक्स महसूस
करते हैं स्माइल और पॉजिटिव बॉडी लैंग्वेज
वो टूल्स हैं जो बिना बोले दूसरों को आपकी
तरफ अट्रैक्ट करते हैं स्माइल से आप एक
वर्म और अप्रोचेबल वाइब देते हैं और जब
आपकी बॉडी लैंग्वेज भी ओपन और रिलैक्स्ड
होती है तो दूसरे आपके साथ कंफर्टेबल फील
करते हैं ये एक सब कॉन्शियस लेवल पे काम
करता है हम नेचुरली उन लोगों की तरफ
अट्रैक्ट होते हैं जो खुले और पॉजिटिव
होते हैं अब ये जरूरी नहीं कि आप हर वक्त
आर्टिफिशली स्माइल करते रहे बस जब आप किसी
से बात करें थोड़ी सी पॉजिटिविटी अपने
इंप्रेशंस और बॉडी लैंग्वेज में दिखाएं
स्माइल करना आपको ज्यादा फ्रेंडली और
ट्रस्ट वर्दी बनाता है और दूसरों के साथ
बॉन्ड बनाता है पॉजिटिव बॉडी लैंग्वेज का
मतलब यह भी है कि आप दूसरों को एक्टिवली
सुन रहे हैं हेड नॉट कर रहे हैं आई
कांटेक्ट मेंटेन कर रहे हैं और जेस्चर से
यह दिखा रहे हैं कि आप उनकी बात में
इंटरेस्टेड है तो अगली बार जब आप किसी से
मिले एक सिंपल स्ल और थोड़ा पॉजिटिव बॉडी
लैंग्वेज का मैजिक ट्राई करें आप देखेंगे
कि दूसरे इंटेंटली आपके साथ कनेक्टेड और
कंफर्टेबल महसूस कर रहे हैं वीडियो अगर
अच्छी लगी तो वीडियो को लाइक करके चैनल को
सब्सक्राइब कर देना थैंक्स फॉर वाचिंग
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