PSYCHOLOGY

 


[संगीत]

किसी बादशाह का एक बड़ा ही समझदार वजीर था

बादशाह के दरबार में उस वजीर का एक बड़ा

खास मुकाम था बादशाह अपना कोई भी अहम

फैसला उस वजीर से मशवरा लिए बगैर नहीं

करता था वजीर की उस अकल मंदी और बादशाह की

नजर में उसकी अहमियत की वजह से दरबार में

मौजूद कई लोग उससे जेलस थे ऐसे ही एक दिन

जब उस वजीर ने बादशाह को एक बड़ा अच्छा

मशवरा दिया तो बादशाह ने उसकी तारीफ करते

हुए कहा कि तुम तो बड़े समझदार हो लेकिन

अफसोस के तुम्हारा बेटा बड़ा बेवकूफ है

उसे कोई खास समझ नहीं है वजीर को बादशाह

की बात पसंद नहीं आई उसने पूछा कि बादशाह

सलामत आप ऐसा क्यों कह रहे हैं आपने कैसे

यह समझ लिया कि मेरा बेटा बेवकूफ है

बादशाह ने जवाब दिया कि हर रोज जब मैं

लोगों के मसाइल जानने के लिए उनका हाल

अहवाल मालूम करने के लिए बाजार का चक्कर

लगाता हूं लोगों से मुलाकात करता हूं तो

तुम्हारा बेटा भी वहीं पर होता है मैं जब

भी उससे पूछता हूं कि सोना ज्यादा कीमती

है या चांदी तो वह जवाब में चांदी कहता है

उसे यह भी नहीं पता कि सोने की कीमत चांदी

से कहीं ज्यादा है बादशाह की यह बात सुनकर

दरबार में मौजूद सब लोग हंसने लगे वजीर को

बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई कोई भी जवाब दिए

बगैर वह सीधा अपने घर आया और अपने बेटे से

से पूछा कि बेटा बताओ सोने और चांदी में

से ज्यादा महंगा और कीमती क्या है तो बेटे

ने फौरन जवाब दिया बाबा सोना ज्यादा कीमती

है वजीर ने कहा कि बेटा अगर तुम्हें पता

है कि सोना ज्यादा कीमती है तो तुम हर रोज

बादशाह को गलत जवाब क्यों देते हो बेटे ने

जवाब दिया बाबा बादशाह सलामत हर रोज लोगों

से मिलने बाजार आते हैं हर रोज वह बच्चों

के साथ एक गेम खेलते हैं हर रोज वह मेरे

सामने दो सिक्के रखते हैं एक सोने का और

दूसरा चांदी का फिर वह मुझे कहते हैं कि

इनमें से जो ज्यादा महंगा है वह तुम उठा

लो मैं चांदी का सिक्का उठा लेता हूं

बादशाह सलामत ये देखकर हंसते हैं और वहां

से चले जाते हैं वजीर ने हैरत से पूछा

बेटा तुम हर रोज चांदी का सिक्का ही क्यों

चुनते हो आज दरबार में सब लोगों ने इस पर

मेरा मजाक उड़ाया है यह सुनकर वह लड़का

बाप को एक कमरे में ले गया और लकड़ी का एक

बॉक्स लाकर उसे दिया

वजीर ने जब बॉक्स को खोला तो वह चांदी के

सिक्कों से भरा हुआ था इतने सिक्के देखकर

वजीर हैरान रह गया उसने हैरत से अपने बेटे

से पूछा कि तुमने इतने ज्यादा चांदी के

सिक्के कहां से हासिल किए बेटे ने जवाब

दिया बाबा यह वही चांदी के सिक्के हैं जो

बादशाह सलामत हर रोज मुझे देते हैं और जिस

दिन मैंने बादशाह को सही जवाब दे दिया उस

दिन बादशाह मुझे सिक्का देना बंद कर देगा

वह मुझसे यह सवाल पूछना ही बंद कर देगा और

मुझे चांदी का सिक्का मिलना बंद हो जाएगा

बादशाह इस बात से बहुत खुश होता है वो उस

वक्त बहुत एंजॉय करता है जब मैं चांदी का

सिक्का उठाता हूं और कहता हूं कि चांदी का

सिक्का सोने से ज्यादा कीमती है और बादशाह

सलामत कुछ भी कहे बगैर हंसते हुए वहां से

चले जाते हैं मैं एक सोने का सिक्का चुनकर

हर रोज चांदी का मिलने वाला सिक्का खोना

नहीं चाहता यह सुनकर वजीर हैरान रह गया

उसे अपने बेटे की अकल मंदी पर बहुत हैरत

हुई चाहे लोग उसे बेवकूफ ही समझ रहे हैं

लेकिन उसकी अकलमंद तो एक अलग ही लेवल की

है जो एक अकलमंद आदमी ही समझ सकता है अब

जब भी कोई उसके बेटे को बेवकूफ कहता तो वह

वजीर मुस्कुराता और वहां से चला

जाता दोस्तों आपने अपनी जिंदगी में अक्सर

नोटिस किया होगा कि कुछ लोग काम तो थोड़ा

करते हैं लेकिन शोर बहुत ज्यादा मचाते हैं

वह ऐसे शो ऑफ करते हैं जैसे उन्होंने कोई

बड़ा कारनामा अंजाम दिया हो जबकि कुछ लोग

हमारी जिंदगी में ऐसे भी होते हैं जो बड़े

काबिल होते हैं उन्होंने बड़ी कामयाब यां

समेटी होती हैं लेकिन वह शो ऑफ नहीं करते

दोस्तों अगर आप समझते हैं और आपको इस बात

का यकीन है कि आप जो कर रहे हैं वह सही है

तो आपको फर्क नहीं पड़ता चाहे लोग आपके

बारे में क्या सोचते हैं

फिर दुनिया आपको चाहे बेवकूफ कहे या अजीब

कहे आप अपना काम करते रहिए दुनिया वाले तो

अक्सर उस चीज को अजीब कहते हैं जो उनको

समझ नहीं आती अगर आपको पता है कि आप

समझदार हैं और सामने वाला आपको बेवकूफ

समझता है तो असली बेवकूफ तो वह सामने वाला

ही

है और जिंदगी में हर रोज कुछ नया सीखो नया

सोचो नया

करो लर्न करो

[संगीत]


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